Thursday, 27 August 2020

अर्जेंटीना ने दी दुनिया की पहली एनिमेटेड फिल्म (Argentina gave the world's first animated film)

 

अर्जेंटीना ने दी दुनिया की पहली एनिमेटेड फिल्म
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दिनेश कुकरेती
दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना भी भारत की तरह ही विविधताओं वाला देश है। यहां सिनेमा के प्रति लोगों की दीवानगी वैसी ही है, जैसे भारत में। महत्वपूर्ण यह कि दुनिया की पहली एनिमेटेड फिल्म का निर्माण भी अर्जेंटीना के नागरिक ने ही किया था। 70 मिनट की यह फिल्म वर्ष 1917 में कुइरिनो क्रिस्टियनी ने बनाई थी। उसका टाइटल था 'एल एलोस्टोलÓ, जिसमें कुल 58 हजार फ्रेम थे। हालांकि, आज इसकी कोई प्रति मौजूद नहीं है।
अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में फिल्म निर्माण की शुरुआत वर्ष 1898 में हुई। 1930 के दशक तक अर्जेंटीना फिल्म उद्योग प्रतिवर्ष 30 फिल्मों का उत्पादन करने लगा, जिन्हें सभी लैटिन अमेरिकी देशों में निर्यात किया जाता था। 1930 के दशक की शुरुआत में टैंगो गायक कार्लोस गार्डेल ने कई ऐसी फिल्में बनाईं, जिन्होंने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर विशिष्ट पहचान दी। वर्ष 1935 में कार्लोस की मृत्यु हो गई। 

बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध तक अर्जेंटीना सिनेमा बूम और बस्ट के कई दौर से गुजर चुका था। इसकी वजह बनी देश की राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता, जिससे अस्थायी रूप से कई स्टूडियो बंद हो गए। लेकिन, फिर ऐसा दौर भी आया, जब अर्जेंटीना फिल्म उद्योग की कई अविश्वसनीय प्रस्तुतियां सामने आईं। इनमें 'न्यूवे रीनासÓ, 'एल सेक्रेटो डी सुस ओजोसÓ, 'नो नोवियो पैरा एमआइ मुजरÓ, 'ला हिस्टोरिया ओफियलÓ, 'एल आराÓ, 'एल हिजो डे ला नोबियाÓ, 'पिज्जा-बिरा-फासोÓ जैसी फिल्में प्रमुख हैं, जिन्होंने लोगों को संस्कृति और मनोविज्ञान में एक अलग तरह की अंतर्दृष्टि प्रदान की। वर्तमान में अर्जेंटीना का सिनेमा पुनर्जागरण से दौर से गुजर रहा है और वहां सिनेमा में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं।

 

यथार्थ के आसपास हैं नए दौर की फिल्में

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विश्व सिनेमा को बदलने और उसे पहचान दिलाने में जिन फिल्मकारों का नाम प्रमुखता से उभरता है, उनमें फ्रांसीसी निर्देशक ज्यां लुक गोदार्द व फ्रांकोइस ट्रफ्ट, जापानी निर्देशक कुरोसोवो व यासुजिरो ओजू, स्वीडिश निर्देशक इंगमार बर्गमन व रूसी निर्देशक आंद्रेई तारकोवस्की से लेकर भारतीय निर्देशक सत्यजीत राय तक शामिल हैं। इन सभी ने प्रतिकूल परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के साथ घोर वित्तीय चुनौतियों के बीच फिल्म निर्माण का साहस दिखाया। 

यही वजह है कि जब विश्व सिनेमा का जिक्र आता है तो उसमें हॉलीवुड या अंग्रेजी सिनेमा को शामिल नहीं किया जाता। उसमें मसाला फिल्में बनाने वाले बॉलीवुड को कितना जोड़ा जाए, यह भी बहस का विषय हो सकता है, लेकिन भारत का समानांतर सिनेमा या यर्थाथ के आसपास जगह बना रही है बॉलीवुड के नए निर्देशकों की फिल्में जरूर विश्व सिनेमा में शामिल की जा सकती हैं।
विश्व सिनेमा को दुनियाभर में सार्थक एवं उद्देश्यपरक फिल्में देने के लिए जाना जाता है, क्योंकि वह हमेशा जीवन के मुख्य सरोकारों, व्यवस्था बदलावों और दृष्टिकोण का पैराकार रहा है। हालांकि, यह भी सत्य है कि विश्व सिनेमा के ज्यादातर महान फिल्मकारों को हमेशा फिल्म बनाने के लिए धनाभाव से जूझना पड़ा। कारण वे बाजार जैसी व्यवस्था से खुद को न केवल दूर रखते थे, बल्कि यह भी कहा जा सकता है कि उन्होंने कभी बॉक्स ऑफिस को ध्यान में रखकर फिल्में नहीं बनाईं। लेकिन, आज यही सिनेमा दुनियाभर में लोगों को आकर्षित कर रहा है।

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Argentina gave the world's first animated film
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Dinesh Kukreti
The South American country Argentina is also a country with variations like India.  People's craze for cinema here is the same as in India.  Importantly, the world's first animated film was also produced by an Argentinian citizen.  The 70-minute film was made in the year 1917 by Cuirino Christiani.  Its title was 'El Allostol', which had a total of 58 thousand frames.  However, no copy exists of it today.
 Filmmaking began in 1898 in the Argentine capital of Buenos Aires.  By the 1930s, the Argentine film industry began producing 30 films annually, which were exported to all Latin American countries.  In the early 1930s Tango singer Carlos Gardel made several films that gave him a distinct identity on the international stage.  Carlos died in the year 1935.

By the second half of the twentieth century, the Argentine cinema had gone through several periods of boom and bust.  This was due to the country's political and economic instability, which temporarily closed many studios.  But then also came a period when many incredible productions of the Argentine film industry came out.  These include films such as 'Nueva Reinas Ó,' El Secreto de Sus Ojos Ó, 'No Novio Para Mi Mujar Ó,' La Historia Offial Ó, 'El Ara Ó,' El Hijo de la Nobia Ó, 'Pizza-Bira-Faso', which made people culture  And provided a different kind of insight into psychology.  Currently Argentine cinema is undergoing a renaissance and there are new experiments in cinema.

New era films are around reality
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Filmmakers whose name emerges prominently in changing and recognizing world cinema include French director Jean Luc Godard and François Truft, Japanese director Kurosovo and Yasujiro Oju, Swedish director Ingmar Bergman and Russian director Andrei Tarkovsky to Indian director Satyajit Rai  Up to  All of these showed the courage of film production amidst unfavorable conditions and severe financial challenges with limited resources.

This is the reason that when it comes to mentioning world cinema, Hollywood or English cinema is not included in it.  How much Bollywood movies that make spice films in it, can also be a matter of debate, but India's parallel cinema is making a place around the heart or movies of Bollywood's new directors can definitely be included in world cinema.
 
World cinema is known worldwide for delivering meaningful and purposeful films, as it has always been a paragon of life's main concerns, system changes and attitudes.  However, it is also true that most of the great filmmakers of world cinema have always struggled with wealth to make films.  The reason was that he not only kept himself away from the market-like system, but it can also be said that he never made films keeping the box office in mind.  But today, this cinema is attracting people all over the world.

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