सलामत रहें दुनिया को संवारने वाले हाथ
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तुमको चिंता है
कि खत्म हो रहे हैं दुनिया से
अमीर और धनकुबेर
मुझे फिक्र है किसान और मजदूरों की
जिनके कठोर हाथों ने
संवारा है इस दुनिया को
सींचा है धरा को
अपने लहू के कतरों से
भरा है अमीरों का पेट
खुद भूखे रहकर।
तुम कहते हो
अमीर मिट गए तो
खोखले हो जाएंगे
खुद को शहंशाह मान बैठे मुल्क
ढह जाएंगी
मजबूत से मजबूत अर्थव्यवस्थाएं
थम जाएगा विकास का पहिया
पर-
मैं जानता हूं ऐसा मुमकिन नहीं तब तक
जब तक सलामत हैं किसान
महफूज हैं मजदूर।
उनके होते हुए
तब भी अन्न-धन से परिपूर्ण रहेगी धरा
जब खोखले हो चुके होंगे शहंशाह
गर्दिश में आ चुके होंगे धनकुबेर
उनके खुरदरे हाथ तब भी
निर्लिप्त भाव से जुटे होंगे
ऐसी दुनिया के निर्माण में
जहां भले ही चकाचौंध फीकी पड़ चुकी हो
पर-
नए-नए सपने आकार ले रहे होंगे
और-
ऐसे सपने धनकुबेर नहीं
सिर्फ किसान और मजदूर ही
दिखा सकते हैं
क्योंकि-
भूख उनकी खुराक है
और-
बेइज्जती उनका पानी
फिर भी दुनिया के लिए
क्या है उनकी अहमियत
यह कोरोनो के खौफ ने
अच्छी तरह समझा दिया है।
@दिनेश कुकरेती
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तुमको चिंता है
कि खत्म हो रहे हैं दुनिया से
अमीर और धनकुबेर
मुझे फिक्र है किसान और मजदूरों की
जिनके कठोर हाथों ने
संवारा है इस दुनिया को
सींचा है धरा को
अपने लहू के कतरों से
भरा है अमीरों का पेट
खुद भूखे रहकर।
तुम कहते हो
अमीर मिट गए तो
खोखले हो जाएंगे
खुद को शहंशाह मान बैठे मुल्क
ढह जाएंगी
मजबूत से मजबूत अर्थव्यवस्थाएं
थम जाएगा विकास का पहिया
पर-
मैं जानता हूं ऐसा मुमकिन नहीं तब तक
जब तक सलामत हैं किसान
महफूज हैं मजदूर।
उनके होते हुए
तब भी अन्न-धन से परिपूर्ण रहेगी धरा
जब खोखले हो चुके होंगे शहंशाह
गर्दिश में आ चुके होंगे धनकुबेर
उनके खुरदरे हाथ तब भी
निर्लिप्त भाव से जुटे होंगे
ऐसी दुनिया के निर्माण में
जहां भले ही चकाचौंध फीकी पड़ चुकी हो
पर-
नए-नए सपने आकार ले रहे होंगे
और-
ऐसे सपने धनकुबेर नहीं
सिर्फ किसान और मजदूर ही
दिखा सकते हैं
क्योंकि-
भूख उनकी खुराक है
और-
बेइज्जती उनका पानी
फिर भी दुनिया के लिए
क्या है उनकी अहमियत
यह कोरोनो के खौफ ने
अच्छी तरह समझा दिया है।
@दिनेश कुकरेती
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May the hands of the world groom
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You are worried
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You are worried
That are ending with the world
Amir and Dhankuber
I care about farmers and laborers
Whose hard hands
This world is decorated
Water is for earth
With your blood clippers
The stomach of the rich is full
Being hungry himself.
you say
If the rich disappeared
Will be hollow
The country considers itself a Emperor
Will collapse
Strongest economies
The wheel of development will stop
On-
I do not know until then
Amir and Dhankuber
I care about farmers and laborers
Whose hard hands
This world is decorated
Water is for earth
With your blood clippers
The stomach of the rich is full
Being hungry himself.
you say
If the rich disappeared
Will be hollow
The country considers itself a Emperor
Will collapse
Strongest economies
The wheel of development will stop
On-
I do not know until then
As long as the farmers are safe
The workers are safe.
Notwithstanding
Even then the house will be full of food and money
When the emperor must have been hollow
Dhankuber must have come in gurdy
Even though their rough hands
Must be busy
In the making of such a world
Where even though the glare has faded
On-
New dreams will be taking shape
And-
Such dreams are not dhankuber
Only farmers and laborers
Can show
Because-
Hunger is their diet
And-
Disrespectful of their water
Still for the world
What is their importance
This awe of corono
Well…
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@ Dinesh kukreti
The workers are safe.
Notwithstanding
Even then the house will be full of food and money
When the emperor must have been hollow
Dhankuber must have come in gurdy
Even though their rough hands
Must be busy
In the making of such a world
Where even though the glare has faded
On-
New dreams will be taking shape
And-
Such dreams are not dhankuber
Only farmers and laborers
Can show
Because-
Hunger is their diet
And-
Disrespectful of their water
Still for the world
What is their importance
This awe of corono
Well…
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@ Dinesh kukreti
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