Monday, 20 March 2017

लालसा

लालसा 
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जनि छै तनि रै जांदि त क्या ह्वै जांदु, 
द्वी घडि़ मैमु ऐ जांदि त क्या ह्वे जांदु। 

पर तु त खयेली तौंकी शिकासर्यूं ना, 
खुद मेरी बिसरै जांदि त क्या ह्वै जांदू। 

तिन त लव यू बोलिक फर्ज निभै द्ये, 
गालुंद झुंट्ये जांदि त क्या ह्वै जांदु। 

प्यार क्वी ज्यू बुथ्याणा कु खेल नी, 
यु तू बि चितै जांदि त क्या ह्वै जांदू। 

तु तनै खत्येणी रै, मि इनै खत्येणू छौं, 
माला़ सि गंठ्ये जादि त क्या ह्वै जांदू। 

दिनेश कुकरेती

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